‘पद्मसाधना’ एक सुन्दर योग
मुद्राओं की शृंखला है, जिससे आप का स्वयम प्रेम और आनंद से खिल उठेगा!!!! ~ श्री श्री रविशंकर
‘पद्म’ का अर्थ होता
है कमल और साधना का अर्थ आपका ‘प्रयास’| इसलिये इस अभ्यास को कमल के हलकेपन के
जैसे बिना प्रयास के किया जाना चाहिए| साधना आसन पर बैठने के लिए एक सहज उपाय
के जैसा है और कमल आपकी प्रतिभाओं को परत दर परत निखारने के जैसा| पद्मसाधना में
आप योग मुद्राओं के द्वारा भीतर से खिल जायेंगे|
आध्यात्मिक पथ पर प्रगति के लिए साधक को सही दिशा की आवश्यकता होती है| योग साधक के अभ्यास को गहन करने
लिए लिए एक अमूल्य शस्त्र है “पद्मसाधना”|
'अगमा’ परंपरा में, देवी की गद्दी पाँच परतों से बनी
हुई है, प्रत्येक परत
हमारी साधना (योग अभ्यास) के एक पहलू का प्रतिनिधित्व करती है|
पहली परत है कछुआ, जो
स्थिरता का प्रतीक है| आसन के दौरान कछुए की तरह आसन को स्थिर रखें|